सर्दी, गर्मी, बारिश और पतझड़ कीतरह तलाक का भी मौसम होता है,पहला मार्च में और दूसरा गर्मी की में और दूसरा गर्मी की छुट्टियों के बाद
सर्दी, गर्मी, बारिश और पतझड़ की तरह तलाक का भी मौसम होता है! वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सोशलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर जूली ब्रिन और पीएचडी कर रहे ब्रायन सेराफनी ने अपने अध्ययन में पाया कि तलाक दर्ज करवाने का ये मौसम साल में दो बार आता है।
पहला मार्च में और दूसरा गर्मी की छुट्टियों के बाद अगस्त में। तलाक के मौसम का मतलब है वो महीने जब सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए। यह अध्ययन वाॉशिंगटन में 2011 से लेकर 2015 के बीच दर्ज हुए तलाक के केस के आधार पर किया गया।
गर्मी और सर्दी की छुट्टी के बाद ज्यादा मामले
तलाक के केस सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियों के बाद अचानक बढ़ जाते हैं। ये शोध सिएटल में अमरीका के सामाजिक संघ की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया। तलाक के इन मामलों के जरिए परिवारों के व्यवहार को भी समझा जा सकता है। इस शोध को करने वाली ब्रिन्स कहती हैं कि सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियां पारंपरिक रूप से परिवारों के एक पवित्र समय है। छुट्टियों में तलाक दाखिल करना अनुचित और वर्जित माना जाता है। संभवत: इसी कारण तलाक के केस अवकाश के बाद ज्यादा दर्ज करवाए जाते हैं।
छुट्टियों में सामने आती हैं दरारें
ज्यादातर लोग अपने साल भर की निराशाओं को भूलकर छुट्टियों को बढ़ती उम्मीदों के साथ देखते हैं। छुट्टियां उनके लिए एक आशावादी समय होता है। इस समय वो अपने जीवन की नई शुरुआत करना चाहते हैं। कुछ दंपत्तियों के लिए ये छुट्टियां भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण होती हैं। कुछ के लिए तनावपूर्ण। इस समय कई शादियों की दरारें सामने आती हैं। छुट्टियों के बाद और बच्चों के स्कूल से पहले लोग अगस्त में तलाक दर्ज करवाते हैं।
केस गिने, फिर घर-घर जाकर पूछा
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सोशलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर जूली ब्रिन और पीएचडी कर रहे ब्रायन सेराफनी ने अध्ययन के लिए पहले तलाक के दर्ज केसों के आंकड़े जुटाए, फिर घर-घर जाकर लोगों से बात की।