किस करने के दौरान और किस ना करने के दौरान भी अधिकतर लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आया होगा की हमलोग किस क्यों करते हैं,आखिरकार इस सवाल का जवाब मिल ही गया...
जब हम एक-दूसरे को किस करते हैं तो एक किस करने के दौरान लगभग 8 करोड़ बैक्टीरिया एक-दूसरे के मुंह में जाते हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि इसमें से सारे बैक्टीरियां नुकसान ही पहुंचाते हों। लेकिन किस करने के दौरान और किस ना करने के दौरान भी अधिकतर लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आया होगा की हमलोग किस क्यों करते हैं। ये सवाल हर किसी के जेहन में एक बार जरूर आया होगा। लेकिन जवाब नदारद रहा होगा। ऐसे में अधिकतर लोग इस सवाल को बेतुका मान पीछे छोड़ आगे बढ़ गए होंगे तो कुछ इसका जवाब पता लगाने के लिए आगे बढ़े होंगे। आखिरकार इस सवाल का जवाब मिल ही गया।
पश्चिमी सभ्यता में किस का चलन
ये किस का चलन आया कहां से है? अगर देखा जाए तो ये किस का चलन पश्चिमी दुनिया से आया है। पश्चिमी समाज में एक दूसरे को किस करने का चलन कुछ ज्यादा है। पश्चिमी दुनिया में तो किस करने को एक सामान्य आदत माना जाता है जबकि हमारे यहां एक निजी पल है।
हर जगह ये चलन नहीं
किस करने का चलन
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि किस करने के व्यवहार का चलन क्यों और क्या है? अगर यह करना दापत्य जीवन के लिए इतना ही उपयोगी है तो फिर ये जानवरों की दुनिया में क्यों नहीं होता है? या फिर सभी देशों के लोग ऐसा क्यों नहीं करते?
लिप किस पर किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में केवल लिप किस का अध्ययन किया गया है। इन अध्ययकर्ताओं को कई आदिम समुदाय के लोगों में लिप किस करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। ब्राज़ील के मेहिनाकू जनजातीय समुदाय में इसे अशिष्टता माना जाता है। ऐसे समुदाय आधुनिक मानव के सबसे नजदीकी पूर्वज माने जाते हैं, इस लिहाज से देखें तो हमारे पूर्वजों में भी किस करने का चलन शायद नहीं रहा होगा। इस अध्ययन दल के प्रमुख और लॉस वेगास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम जानकोवायक के मुताबिक यह सभी मानवों के स्वभाव में नहीं है।
हिंदुओं में 3500 साल पुरानी है ये संस्कृति
मिस्र में आलिंगन करना था महत्वपूर्ण
मिस्र की पुरानी संस्कृति में लोग किस करने के बजाय आलिंगन कर एक-दूसरे के करीब आते थे और अपना प्यार जताते थे। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि किस करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है या आधुनिक इंसानों ने इसकी खोज की है। मानव के बुजुर्ग चिम्पांजी को माना जाता है। जॉर्जिया, अटलांटा स्थित एमरी यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानी फ्रांस डि वॉल के अनुसार चिम्पांजी एक दूसरे से लडऩे-झगडऩे के बाद एक दूसरे को किस करते हैं या एक दूसरे को हग करते हैं। लेकिन चिम्पांजियों में किया गया ये किस रोमांस का हिस्सा नहीं होता था। वहीं चिम्पांजियों की एक प्रजाति बोनोवो में चिम्पाजी कई मौकों पर एक-दूसरे को किस करते हैं और किस करते वक्त जीभ का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उनमें भी किसिंग की प्रवृति का रोमांस से कोई लेना-देना नहीं है।
क्यों करते हैं किस
सवाल अब भी जस का तस है जिसका जवाब 2013 में वलोडारस्की के अध्ययन में मिलता है। इस अध्ययन में किस करने की प्रवृति पर विस्तार से अध्ययन किया गया। वलोडारस्की ने सैकड़ों लोगों से ये पूछा कि वे जब एक दूसरे को किस करते हैं तो क्या खास महसूस करते हैं? इसमें पता चला कि शरीर की सुगंध से लोग एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं और किस अपने आप हो जाता है। वलोडारस्की कहते हैं कि हममें स्तनधारियों के सारे गुण हैं, इसमें समय के साथ हमने कुछ चीजें जोड़ भी ली हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि किस लोगों को एक-दूसरे के करीब लाता है।